तंत्र सूत्र—विधि -50 (ओशो)
काम संबंधि तीसरा सूत्र– ‘’काम-आलिंगन के बिना ऐसे मिलन का स्मरण करके भी रूपांतरण होगा।‘’ एक बार तुम इसे जान गए तो प्रेम पात्र की, साथी की जरूरत नहीं है। तब तुम कृत्य का स्मरण उसमे प्रवेश कर सकते हो। लेकिन पहले भाव का होना जरूरी है। अगर भाव से परिचित हो तो साथ के […]