तंत्र सूत्र—विधि -80 (ओशो)

अग्‍नि संबंधि दूसरी विधि: ‘यह काल्‍पनिक जगत जलकर राख हो रहा है, यह भाव करो; और मनुष्‍य से श्रेष्‍ठतर प्राणी बनो।’ अगर तुम पहली विधि कर सके तो यह दूसरी विधि बहुत सरल हो जाएगी। अगर तुम भाव कर सके कि तुम्‍हारा शरीर जल रहा है तो यह भाव करना कठिन नहीं होगा कि सारा […]

x