संभोग से समाधि की ओर—13 (ओशो)

समाधि : अहं शून्‍यता, समय-शून्‍यता के अनुभव-4 मेरे प्रिया आत्‍मन, एक छोटा सा गांव था, उस गांव के स्‍कूल में शिक्षक राम की कथा पढ़ाता था। करीब-करीब सारे बच्‍चे सोये हुए थे। राम की कथा सुनते-सुनते बच्‍चे सो जाये, ये आश्चर्य नहीं। क्‍योंकि राम की कथा सुनते समय बूढे भी सोते है। इतनी बार सुनी […]

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