संभोग से समाधि की ओर—17 (ओशो)

समाधि : संभोग-उर्जा का अध्‍यात्‍मिक नियोजन—5 मेरे प्रिय आत्‍मजन, मित्रों ने बहुत से प्रश्‍न पूछे है। सबसे पहले एक मित्र ने पूछा है कि मैंने बोलने के लिए सेक्‍स या काम का विषय क्‍यों चूना? इसकी थोड़ी सी कहानी है। एक बड़ा बाजार है। उस बड़े बाजार को कुछ लोग बंबई कहते है। उस बड़े […]

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