संभोग से समाधि की ओर—22 (ओशो)
यौन : जीवन का ऊर्जा-आयाम–6 धर्म के दो रूप है। जैसा सभी चीजों के होत है। एक स्वस्थ और एक अस्वस्थ। स्वस्थ धर्म जो जीवन को स्वीकार करता है। अस्वस्थ धर्म जीवन को अस्वीकार करता है। जहां भी अस्वीकार है, वहां अस्वास्थ्य है जितना गहरा अस्वीकार होगा, उतना ही व्यक्ति आत्मघाती है। जितना गहरा स्वीकार … Read more संभोग से समाधि की ओर—22 (ओशो)