संभोग से समाधि की ओर—14 (ओशो)

समाधि : अहं-शून्‍यता, समय शून्‍यता का अनुभव—4 एक बात, पहली बात स्‍पष्‍ट कर लेनी जरूरी है वह हय कि यह भ्रम छोड़ देना चाहिए कि हम पैदा हो गये है, इसलिए हमें पता है—क्‍या है काम, क्‍या है संभोग। नहीं पता नहीं है। और नहीं पता होने के कारण जीवन पूरे समय काम और सेक्‍स … Read more

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