‘मित्र और अजनबी के प्रति, मान और अपमान में, असमता और समभाव रखो।’ …
Preet Kamal
Heaven of Quotes and Sayings
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Category: Osho Books
‘’अन्य देशनाओं के लिए जो शुद्धता है वह हमारे लिए अशुद्धता ही है। …
तंत्र सूत्र—विधि -65 (ओशो)
‘’छींक के आरंभ में, भय में, खाई-खड्ड के कगार पर, युद्ध से भागने …
तंत्र सूत्र—विधि -64 (ओशो)
‘’जब किसी इंद्रिय-विषय के द्वारा स्पष्ट बोध हो, उसी बोध में स्थित होओ।‘’ …
तंत्र सूत्र—विधि -63 (ओशो)
‘’जहां कहीं तुम्हारा मन भटकता है, भीतर या बाहर, उसी स्थान पर, यह।‘’ …
तंत्र सूत्र—विधि -62 (ओशो)
‘’जैसे जल से लहरें उठती है और अग्नि से लपटें, वैसे ही सर्वव्यापक …
तंत्र सूत्र—विधि -61 (ओशो)
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